नई दिल्ली। एक बार फिर टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी ‘एयर इंडिया’ पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 90 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कंपनी पर नॉन-क्वालिफाइड क्रू के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने के लिए लगाया गया है। इसके अलावा, कंपनी के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशंस और डायरेक्टर ऑफ ट्रेनिंग पर क्रमशः छह लाख और तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। संबंधित पायलट को भविष्य में ऐसी गलती न करने की चेतावनी भी दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
एयर इंडिया द्वारा संचालित एक विमान में नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन को नॉन-लाइन-रिलीज फर्स्ट ऑफिसर के साथ नियुक्त किया गया था। डीजीसीए ने इसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन मानते हुए इसे एक महत्वपूर्ण शेड्यूलिंग घटना करार दिया। एयर इंडिया ने 10 जुलाई को डीजीसीए को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
डीजीसीए को नहीं मिला संतोषजनक जवाब
प्रारंभिक जांच में डीजीसीए ने पाया कि एयर इंडिया के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कई नियमों की अनदेखी की थी, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई थीं। इस पर 22 जुलाई को डीजीसीए ने संबंधित कमांडर और एयर इंडिया के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
मार्च में भी हुआ था जुर्माना
यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया पर जुर्माना लगाया गया है। मार्च 2024 में भी रोस्टरिंग में गड़बड़ी के चलते डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उस समय भी ट्रेनी पायलट द्वारा बिना ट्रेनिंग कैप्टन के पर्यवेक्षण के विमान का संचालन किया गया था।