दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद अब उन्हें सीएम आवास खाली करना है, लेकिन इस बीच ‘आप’ ने केंद्र सरकार से एक महत्वपूर्ण मांग की है। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री के लिए एक सरकारी आवास की मांग की है।
आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि पार्टी इस संबंध में संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके लिए उन्हें कानूनी लड़ाई नहीं लड़नी पड़ेगी। चड्ढा ने बताया कि केजरीवाल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है और वह अपना सरकारी आवास छोड़ देंगे।
राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल के पास कोई संपत्ति या अपना घर नहीं है। एक राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक के रूप में, वह सरकारी आवास के हकदार हैं और केंद्र को उन्हें यह आवास देना चाहिए। चड्ढा ने केंद्र सरकार को चुनाव आयोग के नियमों का हवाला देकर केजरीवाल के लिए आवास की मांग की है।
चड्ढा ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि कानून के तहत हमारे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में एक आवास मिलना चाहिए।” उन्होंने कहा कि केजरीवाल को पद और पॉवर का लालच नहीं है; वह तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन आज भी उनके पास कोई संपत्ति और घर नहीं है।
इस बीच, दिल्ली की नई मुख्यमंत्री नामित आतिशी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी 21 सितंबर को पद की शपथ लेने वाले हैं। शुरू में यह निर्णय लिया गया था कि केवल आतिशी शपथ लेंगी, लेकिन बाद में तय हुआ कि उनके सभी मंत्री भी शपथ लेंगे।