कोलकाता। पश्चिम बंगाल का बहुचर्चित संदेशखालि मामला अब सीबीआई के हाथ में चला गया है। सीबीआई इस मामले की जाँच करेगी। कोलकाता हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह स्वयं जांच की निगरानी करेगी। बता दें कि हाल में इन आरोपों को लेकर संदेशखालि में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। खासकर बीजेपी इस पूरे केस को लेकर ममता सरकार पर हमलावर रही।
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि जांच अदालत की निगरानी में की जाएगी। साथ ही, उन्होंने सीबीआई को राजस्व रिकॉर्ड का गहन निरीक्षण और कथित रूप से भू-उपयोग परिवर्तन का निरीक्षण करने के बाद एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। आरोपों के अनुसार, मछली पालन के लिए कृषि-जोत भूमि के उपयोग को जल निकायों में अवैध रूप से परिवर्तित किया गया।
अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच करे और सुनवाई की अगली तारीख पर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करे। खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे। पीठ ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई दो मई को फिर से की जाएगी और इसी दिन सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है।
ईडी के अधिकारियों पर पांच जनवरी को भीड़ ने उस वक्त हमला किया था, जब वे राशन वितरण घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता (अब निलंबित) शाहजहां शेख के परिसर की तलाशी के लिए संदेशखालि गए थे। बता दें कि बीजेपी ने इस पूरे मामले को बंगाल में चुनावी मुद्दा बना लिया है। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर बंगाल सरकार पर हमलावर है।