अहमदाबाद। पीएम मोदी ने आज साबरमती आश्रम का दौरा किया और कोचरब आश्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का शुभारम्भ भी किया। प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और हृदय कुंज का दौरा किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और एक पौधा भी लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साबरमती आश्रम हमेशा से अतुलनीय ऊर्जा का जीवंत केंद्र रहा है और हम अपने आप में बापू की प्रेरणा को महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम ने सत्य और अहिंसा, राष्ट्र सेवा और वंचितों की सेवा में भगवान की सेवा देखने के बापू के मूल्यों को जीवित रखा है। प्रधानमंत्री ने कोचरब आश्रम में गांधी जी के समय का जिक्र किया जहां गांधी जी साबरमती में जाने से पहले रुके थे। प्रधानमंत्री ने आज पुनर्विकसित कोचरब आश्रम को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने पूज्य महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और आज की महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने आज की 12 मार्च की तारीख का उल्लेख करते कहा कि हुए पूज्य बापू ने इसी दिन दांडी मार्च की शुरुआत की और भारत के स्वतंत्रता संग्राम की इस तारीख को स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन स्वतंत्र भारत में एक नए युग की शुरुआत का गवाह है। उन्होंने बताया कि देश ने 12 मार्च को साबरमती आश्रम से ही आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम ने साबरमती आश्रम के बलिदानों को याद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह देखते हुए कि अमृत काल कार्यक्रम ने नागरिकों के बीच एकजुटता का माहौल बनाया जैसा कि भारत की आजादी के दौरान देखा गया था, प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव ने भारत को अमृत काल में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार बनाया है। उन्होंने महात्मा गांधी के आदर्शों और विश्वासों के प्रभाव और अमृत महोत्सव के दायरे पर प्रकाश डाला। मोदी ने बताया कि आजादी का अमृत काल कार्यक्रम के दौरान 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंच प्राण की शपथ ली। उन्होंने बताया कि 2 लाख से अधिक अमृत वाटिकाओं का विकास किया गया, जहां 2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए, जल संरक्षण की दिशा में 70,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण हुआ, राष्ट्र भक्ति की अभिव्यक्ति बना हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया और मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया गया, जहां नागरिकों ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम को विकसित भारत के संकल्पों का तीर्थ बनाते हुए अमृत काल में 2 लाख से अधिक परियोजनाओं के शिलान्यास का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने आश्रम की 55 एकड़ जमीन वापस पाने में आश्रमवासियों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने आश्रम की सभी इमारतों को उनके मूल स्वरूप में संरक्षित करने की मंशा बताई।
प्रधानमंत्री ने सरकार के प्रयासों से पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर आने का भी जिक्र किया। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की हालिया उपलब्धि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज जब भारत विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो महात्मा गांधी की ये समाधि हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साबरमती आश्रम और कोचरब आश्रम का विकास सिर्फ ऐतिहासिक स्थलों का विकास नहीं है, यह विकसित भारत के संकल्प और प्रेरणा में हमारे विश्वास को भी मजबूत करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बापू के आदर्श और उनसे जुड़े प्रेरणादायक स्थान राष्ट्र निर्माण की हमारी यात्रा में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने गुजरात सरकार और अहमदाबाद नगर निगम से गाइडों के बीच प्रतियोगिता की भावना विकसित करने का आह्वान किया क्योंकि अहमदाबाद एक विरासत शहर है। उन्होंने स्कूलों से हर दिन कम से कम 1000 बच्चों को साबरमती आश्रम ले जाने और वहां समय बिताने का भी आग्रह किया। इससे हमें बिना किसी अतिरिक्त बजट की आवश्यकता के जीवन को अनुभव करने का मौका मिलेगा। अपने संबोधन को विराम देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि नया दृष्टिकोण प्रदान करने से देश की विकास यात्रा को ताकत मिलेगी।