उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट का विस्तार, ओपी राजभर और दारा सिंह की योगी कैबिनेट में वापसी, मंत्रिमंडल में शामिल हुए 4 नए मंत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार हो गया। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में चार नेताओं को मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, बीजेपी नेता दारा सिंह चौहान, आरएलडी विधायक अनिल कुमार और बीजेपी के विधायक सुनील कुमार शर्मा ने उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है।

ओम प्रकाश राजभर
ओपी राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक हैं। वे पहले भी यूपी सरकार (योगी सरकार के पहले कार्यकाल) में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राजभर ने अप्रैल 2019 में (लोकसभा चुनाव के दौरान) यूपी कैबिनेट से इस्तीफे की घोषणा की थी।

जहूराबाद सीट (गाजीपुर) से विधायक राजभर की पार्टी SBSP जुलाई 2023 में एनडीए में शामिल हो गई थी। यूपी में करीब 4% राजभर हैं। वहीं पूर्वांचल के 18 जिलों में राजभर अच्छी संख्या में हैं. जिनका करीब 16 सीटों पर असर है।

दारा सिंह चौहान
दारा सिंह चौहान यूपी के एमएलसी हैं। वे योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, जनवरी 2022 में सपा में शामिल हुए थे। फिर बीते साल यानी जुलाई 2023 में वापस बीजेपी में शामिल हो गए. चौहान 2 बार राज्यसभा सांसद और एक बार लोकसभा सांसद (घोसी सीट) रहे हैं।

अनिल कुमार (RLD)
आरएलडी विधायक अनिल कुमार को मंत्री बनाया गया है। अनिल कुमार तीन बार विधायक रह चुके हैं और फिलहाल पुरकाजी सीट से मौजूदा विधायक हैं।

आरएलडी का जाट समुदाय में राजनीतिक असर है जो मुख्य रूप से पश्चिमी यूपी में पाए जाते हैं। ये यूपी की आबादी का लगभग 5% हैं। यूपी की 18 लोकसभा सीटों पर जाट वोटबैंक का बड़ा असर है. मथुरा, बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ में जाट वोट निर्णायक रहता है। वहीं कुछ प्रभाव बिजनौर, हापुड़, आगरा, हाथरस, गाजियाबाद, अमरोहा, सहारनपुर में भी है।

सुनील कुमार शर्मा
बीजेपी नेता सुनील कुमार शर्मा साहिबाबाद सीट से विधायक हैं और अब तक तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ की पसंद माना जा रहा है। उनकी गिनती राज्य के बड़े ब्राह्मण नेताओं में होती है। यूपी में करीब 10-12% ब्राह्मण आबादी है और 10 से ज्यादा सीटों पर इनका सीधा असर है।

 

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