नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में ‘नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला’ दस फरवरी से प्रगति मैदान (Pragati Maidan) में शुरू होने जा रहा है और इस बार इसका थीम ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ रहेगा. प्रगति मैदान के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा पुस्तक मेले का उद्घाटन किया जाएगा जो विभिन्न देशों और भाषाओं के 1000 से अधिक प्रकाशकों की भागीदारी का साक्षी बनेगा. केंद्रीय मंत्री इस अवसर पर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की भी शुरुआत करेंगे.
विश्व पुस्तक मेले के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा, ‘‘भारत भाषाओं से समृद्ध देश है. अनुसूची 8 में 22 भाषाएँ बताई गई हैं, लेकिन यहाँ भाषाओं-बोलियों की कोई सीमा नहीं है. एक शब्द आपको अलग-अलग भाषाओं में मिलेगा. भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिल जाता है. इसमें साहित्य की अहम भूमिका है. इस बार के विश्व पुस्तक मेले में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा.’
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने विश्व पुस्तक मेले की जानकारी देते हुए कहा, ‘विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव है, जिसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ-साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलेगी. इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं.’’
इस बार पुस्तक मेले में एक नई पहल की जाएगी. ‘फेस्टीवल ऑफ फेस्टीवल्स’ में अहमदाबाद साहित्य महोत्सव, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार इन सभी के प्रतिनिधियों को विश्व के सबसे बड़े पुस्तक मेले में आमंत्रित किया गया है.
इसके अलावा विश्व पुस्तक मेले में इस बार ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की जाएगी. बच्चों के लिए ई-जादुई पिटारा विश्व पुस्तक मेले में ही देश को समर्पित किया जाएगा. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट ‘इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रकाशन जगत के ‘सीईओ स्पीक’ का आयोजन 11 फरवरी को होगा. 11 से 12 फरवरी तक नई दिल्ली राइट्स टेबल का आयोजन होगा. इस बार जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आ रहे हैं, जो विश्व पुस्तक मेले में साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएँगे.
प्रगति मैदान के हॉल संख्या 1 से 5 में आयोजित होने वाले इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल नंबर एक में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी. हॉल दो में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे. इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है. हॉल संख्या 3 बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी.
संवाददाता सम्मेलन में पुस्तक मेले के सम्मानित अतिथि देश सऊदी अरब की तरफ से द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग जनरल मैनेजर डॉ. अब्दुल्लतीफ अल्वसिल और आईटीपीओ की जनरल मैनेजर हेमा मैती भी उपस्थित थे. डॉ. अब्दुल लतीफ़ अल्वसिल ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाठकों को सऊदी अरब के प्रचुर साहित्य के साथ-साथ 16 विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस साहित्यिक उत्सव से भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक धरोहर, भाषा और संस्कृति की समझ को बढ़ावा मिलेगा तथा भारत व सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे.
सऊदी अरब के साथ ही मेले में ब्रिटेन, इटली, आस्ट्रिया, फ्रांस, स्पेन, तुर्किये, रूस, ताइवान, ईरान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल की भी भागीदारी रहेगी. मेले के लिए टिकट दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न मेट्रों स्टेशनों और एनबीटी की वेबसाइट से खरीदे जा सकते हैं. बच्चों और वयस्कों के लिए क्रमश: दस रुपये और बीस रुपये का टिकट होगा लेकिन स्कूली बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा.