नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सिरकॉट) में शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं दी और कहा कि यह संस्थान आज देश की कृषि और कपास उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “100 साल पहले जब यह संस्थान स्थापित हुआ था, तब इसका उद्देश्य कपास से अधिकतम लाभ प्राप्त करना था। लेकिन आज हमारा उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का निर्माण करना है, और इसमें किसान का अहम योगदान है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और किसान उसकी आत्मा है।”
मंत्री ने संस्थान के कार्यों को विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्तमान में कपास की चुड़ाई का मशीनीकरण और कपास के प्रसंस्करण में सुधार पर काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सिरकॉट एकमात्र संस्थान है जो यांत्रिक रूप से काटी गई कपास के प्रसंस्करण पर काम कर रहा है। इस क्षेत्र में मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी को और बेहतर बनाने के लिए संस्थान को पायलट संयंत्र की सुविधा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कपास जिनोम केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास बीज की उपलब्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कपास का बीज महंगा होता है, और निजी कंपनियां किसानों को इसे महंगे दामों पर देती हैं। उन्होंने आईसीएआर से आग्रह किया कि किसानों को कम दामों पर अच्छे गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे कपास की खेती से अच्छे लाभ कमा सकें।
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा, “हमें सिरकॉट का 2047 तक का रोडमैप बनाना चाहिए। इस रोडमैप पर तेजी से काम करते हुए हम कपास उत्पादन, प्रोसेसिंग, बिनाई और संबंधित कार्यों में सुधार कर सकते हैं। सिरकॉट 2047 तक विश्व में सर्वोत्तम संस्थान बने, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।”
समारोह के अंत में, शिवराज सिंह चौहान ने संस्थान के 100 वर्षों की सफलता पर शुभकामनाएं दी और नई उमंग और उत्साह के साथ भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी।