संभल: संभल हिंसा और अजमेर दरगाह के सर्वे पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि हिंदुस्तान में एक बार फिर से देश में तबाही का माहौल पैदा किया जा रहा है। मौलाना ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे देश में मस्जिदों और मकानों के नीचे मंदिर खोजे जा रहे हैं, यह पूरे देश को गृह युद्ध की ओर धकेलने का प्रयास है।
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सरकार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी समुदायों के विश्वास की बात करते हैं, लेकिन इसके बावजूद देश को तबाही और बर्बादी की ओर ले जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने संभल हिंसा को ‘खून की होली’ करार देते हुए कहा कि इस घटना में महिलाओं की गोद उजड़ी और औरतों के सुहाग लूटे गए।
अजमेर दरगाह पर मंदिर की बात पर विरोध
मौलाना ने अजमेर दरगाह के सर्वे पर भी सवाल उठाया, जो कि 800 साल पुरानी है, और कहा कि इस दरगाह पर मुसलमानों से ज्यादा हिंदू जाते हैं और यहां इंसानियत और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद के बाद अब हर जगह मंदिर बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग—हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई—अपने-अपने धर्मस्थलों में पूजा करते हैं, और यह धर्म का नहीं, बल्कि आस्था का सवाल है।
शांति की अपील और एकजुटता की आवश्यकता
मौलाना ने यह भी कहा कि देश में शांति और अमन बनाए रखने के लिए हमें एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी मंदिर या मस्जिद बनाना हो तो किसी से कोई एतराज नहीं है, लेकिन मस्जिदों के नीचे शिवलिंग या मंदिर ढूंढने की कोशिश न की जाए, क्योंकि यह केवल देश की शांति को नष्ट करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम एकजुट हो गए, तो हिंदुस्तान फिर से सोने की चिड़ीया बनेगा।
सपा का आरोपियों को कानूनी मदद का आश्वासन
समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने संभल हिंसा मामले में आरोपियों से मुरादाबाद जिला जेल में मुलाकात की और उन लोगों को कानूनी मदद का आश्वासन दिया, जिन पर ‘‘झूठा’’ मामला दर्ज किया गया है। पार्टी के पूर्व लोकसभा सदस्य और मुरादाबाद के पूर्व महापौर एस.टी. हसन ने यह जानकारी दी।
संभल हिंसा का घटनाक्रम
संभल में 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 25 लोग घायल हो गए। पुलिस ने हिंसा के संबंध में 2,750 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं। इस मामले में समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम शामिल है।