चीन: बैंक ऑफ चाइना के पूर्व अध्यक्ष लियू लियांगे को रिश्वतखोरी और अवैध ऋण जारी करने के मामले में मौत की सजा

China: Former Bank of China president Liu Lianghe sentenced to death for bribery and illegal loan issuance

बीजिंग: चीन की एक अदालत ने बैंक ऑफ चाइना के पूर्व अध्यक्ष लियू लियांगे को रिश्वत लेने और अवैध रूप से ऋण जारी करने के मामले में दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला पूर्वी चीन के शांदोंग प्रांत के जिनान शहर की एक अदालत ने सुनाया, जिसने लियू लियांगे पर लगे सभी आरोपों को सही पाया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि लियू लियांगे को जीवन भर के लिए राजनीतिक अधिकारों से वंचित किया जाए और उनकी सभी निजी संपत्तियाँ जब्त की जाएं।

रिश्वत और अवैध ऋण की घटनाएं:
लियू लियांगे पर आरोप था कि उन्होंने बैंक ऑफ चाइना और क्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना में अपने उच्च पदों का दुरुपयोग करते हुए कुल 121 मिलियन युआन (लगभग 142 करोड़ रुपये) रिश्वत के रूप में लिए। इसके अलावा, अदालत ने यह भी पाया कि लियू ने जानबूझकर कानूनी नियमों का उल्लंघन करते हुए अयोग्य कंपनियों को 3.32 बिलियन युआन (लगभग 3,800 करोड़ रुपये) से अधिक का ऋण जारी किया, जिससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। लियू के इन फैसलों के कारण बैंक को 190.7 मिलियन युआन से अधिक की हानि हुई।

भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों का सख्त प्रवर्तन:
चीन में भ्रष्टाचार से जुड़े कानून बेहद सख्त हैं। अदालत ने लियू लियांगे को न केवल मौत की सजा सुनाई, बल्कि उन्हें राज्य के खजाने में अपनी अवैध कमाई जमा करने का भी आदेश दिया। 2023 में, चीन की राष्ट्रीय पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की स्थायी समिति ने भ्रष्टाचार से जुड़ी सजा को और भी सख्त करने के लिए आपराधिक कानून में संशोधन किया था, जिससे रिश्वतखोरी के मामलों में मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ चीन की सख्त नीति:
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है। शी ने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर कठोर नीतियां अपनाई हैं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा देने की प्रक्रिया को तेज किया है। इस फैसले से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा।

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