उदयपुर। सिटी पैलेस के बाहर सोमवार देर रात तक तनावपूर्ण माहौल बना रहा, जब मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और भाजपा विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया गया। देर रात सिटी पैलेस के अंदर से पथराव होने की घटनाएं भी सामने आईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस ने विवादित क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने की सिफारिश की
स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने विवादित क्षेत्र – सिटी पैलेस के धूणी से जनाना महल तक – के लिए रिसीवर नियुक्त करने की सिफारिश की है। यह रिपोर्ट अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को भेजी गई है। धूणी वह स्थान है, जहां विश्वराज सिंह दर्शन के लिए जाना चाहते थे।
विवाद की शुरुआत
विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले के फतहप्रकाश महल में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म अदा की गई। उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का हाल ही में निधन हुआ था। हालांकि, उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और दिवंगत पिता के बीच लंबे समय से चल रहे संपत्ति विवाद ने इस समारोह को विवादास्पद बना दिया।
अरविंद सिंह ने जारी किया नोटिस
अरविंद सिंह ने विश्वराज के दस्तूर कार्यक्रम के तहत एकलिंगनाथ मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि “आपराधिक अतिचार” का प्रयास किया जा रहा है और इन स्थानों पर अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
पुलिस बल की तैनाती और तनाव
नोटिस के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के गेट पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। विश्वराज सिंह और उनके समर्थक जब सिटी पैलेस पहुंचे तो उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। समर्थकों ने बैरिकेडिंग लांघने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
मौके पर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
समर्थकों का प्रदर्शन और पथराव
विश्वराज और उनके समर्थक सिटी पैलेस के गेट से कुछ दूरी पर स्थित जगदीश चौक पर डटे रहे। देर रात सिटी पैलेस के अंदर से पथराव की घटनाएं हुईं, जिससे तनाव और बढ़ गया।
विवाद के समाधान की कोशिश
विवाद को लेकर जिला प्रशासन ने अतिरिक्त कदम उठाने का संकेत दिया है। इस मामले में कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता बनी हुई है।