मणिपुर सरकार ने घाटी के पांच जिलों में सोमवार और मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। इससे पहले रविवार को सरकार ने इन जिलों में सोमवार से कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन हालात को देखते हुए यह फैसला बदल दिया गया।
शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश
शिक्षा निदेशक (स्कूल) एल. नंदकुमार सिंह और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव दरियाल जूली अनल ने अलग-अलग आदेश जारी कर इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के सभी सरकारी, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है।
16 नवंबर से बंद हैं स्कूल और कॉलेज
16 नवंबर से इन जिलों में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में नियमित कक्षाएं निलंबित हैं।
बढ़ती हिंसा और भीड़ के हमलों के कारण प्रशासन ने यह कदम उठाया।
रविवार को सरकार ने शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे टाल दिया गया।
25-26 नवंबर को कक्षाएं रद्द
शिक्षा विभाग ने गृह विभाग के परामर्श से 25 और 26 नवंबर को सभी शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य कक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया। अधिकारियों ने कहा कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
कर्फ्यू में मिली थोड़ी राहत
हालांकि, हिंसा की बड़ी घटनाएं पिछले दिनों में दर्ज नहीं हुईं, जिसके चलते प्रशासन ने दिन के समय कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी है। इससे लोगों को आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी और अन्य काम करने की सुविधा मिल रही है।
मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
मणिपुर गृह विभाग ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के निलंबन को 25 नवंबर तक बढ़ा दिया है।
यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है।
सातों जिलों में अब तक कोई बड़ी घटना दर्ज नहीं हुई है, लेकिन तनाव की स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
स्थिति अभी भी सामान्य से दूर
मणिपुर में हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है। प्रशासन हर कदम पर सतर्कता बरत रहा है, लेकिन शैक्षणिक और इंटरनेट सेवाओं का बंद रहना क्षेत्र में सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर रहा है।