नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में प्रदूषण को लेकर AAP सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है।” कोर्ट ने इस मामले में बार के 13 युवा वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। इन वकीलों को दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि शनिवार तक सभी एंट्री प्वाइंट्स की जांच रिपोर्ट जमा की जाए, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम को लेकर आपत्ति जताई है। आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 4 के प्रतिबंध समय पर लागू कराने में विफल रही। GRAP-4 के प्रतिबंध कम से कम 3 दिन और लागू रहने चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद हुल गांधी ने पल्यूशन पर चिंता जताते हुए कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है, एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य चुरा रहा है और बुजुर्गों का दम घुट रहा है। यह एक पर्यावरणीय और आर्थिक तबाही है जो अनगिनत लोगों के जीवन को बर्बाद कर रही है।