चंडीगढ़। पंजाब की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। अकाल तख्त द्वारा ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे ने पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
दलजीत चीमा ने दी जानकारी
पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि सुखबीर बादल ने अपना इस्तीफा पार्टी की कार्यसमिति को सौंप दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है ताकि नए अध्यक्ष का चुनाव किया जा सके। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले समर्थन और सहयोग के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया है।”
धार्मिक मुद्दों ने बढ़ाया दबाव
अकाल तख्त द्वारा सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ घोषित किए जाने के बाद उनके ऊपर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। यह फैसला पार्टी और सिख संगत के बीच असंतोष की वजह बन रहा था। उनके इस्तीफे को पार्टी में चल रही अंदरूनी राजनीति और धार्मिक मुद्दों से जोड़कर देखा जा रहा है।
नए अध्यक्ष की तलाश शुरू
सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद अब पार्टी के नए अध्यक्ष की घोषणा का इंतजार है। शिरोमणि अकाली दल के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम संभावित उम्मीदवारों के रूप में सामने आ रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे अपनी कमान सौंपती है।
बादल ने जताया आभार
सुखबीर सिंह बादल ने अपने इस्तीफे के साथ पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके नेतृत्व में विश्वास जताया और पूरे कार्यकाल में उनका सहयोग किया।
पंजाब की राजनीति में हलचल
इस घटनाक्रम से पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियों ने इस पर प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे अकाली दल की अंदरूनी कमजोरी का संकेत बताया है।
सुखबीर बादल का इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल के लिए नई दिशा तय करने का अवसर भी हो सकता है। पार्टी अब नए नेतृत्व के साथ अपनी साख को दोबारा मजबूत करने की कोशिश करेगी।