बेंगलुरु: कर्नाटक के वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने घोषणा की है कि 20 नवंबर को राज्य में सभी शराब की दुकानें बंद रहेंगी। एसोसिएशन ने यह हड़ताल आबकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार और राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान न देने के विरोध में बुलाई है।
मांगें क्या हैं?
फेडरेशन की प्रमुख मांग यह है कि राज्य सरकार कर्नाटक एक्साइज एक्ट के सेक्शन 29 में संशोधन करे, जो आबकारी अधिकारियों को लाइसेंस या परमिट रद्द करने का अधिकार देता है। इसके साथ ही, उन्होंने आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की भी मांग की है।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील
फेडरेशन ऑफ वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन कर्नाटक के महासचिव बी गोविंदराज हेगड़े ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि आबकारी विभाग को वित्त मंत्री के नियंत्रण में वित्त विभाग में विलय कर देना चाहिए, क्योंकि विभाग के पास पर्याप्त बजट नहीं है।
700 करोड़ की रिश्वत के आरोप पर प्रतिक्रिया
हेगड़े ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाराष्ट्र की एक चुनावी रैली में लगाए गए इस आरोप को खारिज किया कि कर्नाटक के शराब व्यापारियों से 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि एसोसिएशन के किसी भी पदाधिकारी ने रिश्वत की कोई बात नहीं की है और प्रधानमंत्री को इस बारे में गलत जानकारी दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर राज्यपाल को एक शिकायत दर्ज की गई थी, जो एक आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से की गई है और एसोसिएशन से इसका कोई संबंध नहीं है।