ब्रैम्पटन, कनाडा: ब्रैम्पटन के एक हिंदू मंदिर ने अपने पुजारी को निलंबित कर दिया है, जिसे खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों से जुड़ी झड़प के दौरान हिंसक बयानबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने पुजारी के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
3 नवंबर की घटना
3 नवंबर को ब्रैम्पटन में मंदिर के बाहर खालिस्तानी झंडे लेकर प्रदर्शनकारियों और मंदिर समर्थकों के बीच झड़प हुई। खालिस्तानी हमले के बाद मंदिर के बाहर समुदाय के साथ एकजुटता में भारी भीड़ जमा हो गई।
मेयर की प्रतिक्रिया
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि सिख और हिंदू कनाडाई समुदाय के लोग शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहते हैं। उन्होंने विभाजन और हिंसा को न बढ़ने देने की अपील की। ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने भी मंदिर में हुई हिंसा की निंदा की।
भारत और कनाडा की प्रतिक्रिया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सभी कनाडाई नागरिकों को अपने धर्म का पालन स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से करने के अधिकार का समर्थन किया। भारत ने भी घटना की निंदा करते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है।
ब्रैम्पटन में तनाव का माहौल
हिंसक झड़प के बाद ब्रैम्पटन में तनाव बढ़ गया है। संघर्ष के दौरान खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने मंदिर में हो रहे भारतीय वाणिज्य दूतावास के कार्यक्रम को बाधित किया। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में मंदिर परिसर में हुई हाथापाई के दृश्य दिखाए गए हैं।