मुस्लिम व्यापारियों पर रोक का अखाड़ा परिषद का फैसला समाज को तोड़ने वाला: मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी

नई दिल्ली: आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने महाकुंभ मेले में मुस्लिम व्यापारियों पर रोक लगाने के अखाड़ा परिषद के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने की कामना रखते हैं, लेकिन इस प्रकार का फैसला देश के लाखों लोगों के लिए चिंता का कारण है। मौलाना रज़वी ने इसे धार्मिक सहिष्णुता के खिलाफ और समाज में विभाजन का कारक बताया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को कुंभ में व्यापार की अनुमति न देना सामाजिक एकता के लिए गंभीर खतरा है।

समाज में विभाजन की दिशा में कदम
मौलाना रज़वी ने कहा, “यह निर्णय हमारे देश की धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव की नींव के खिलाफ है। इस तरह के फैसले समाज को तोड़ने का काम करते हैं और इससे देश की एकता और विकास प्रभावित हो सकता है।”

सरकार से हस्तक्षेप की मांग
मौलाना रज़वी ने उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह अखाड़ा परिषद के इस प्रकार के फैसलों पर नियंत्रण रखे और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसे कदमों को वापस ले। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोग साथ में मिलकर रहने का अधिकार रखते हैं, और यदि हम सब एक साथ नहीं रहेंगे, तो देश गंभीर संकट का सामना कर सकता है।

महाकुंभ 2025 की तैयारी जोरों पर
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी रहेगी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें ड्राइवरों, नाविकों, गाइडों और ठेला संचालकों के लिए अलग-अलग विशेष ट्रैक सूट भी शामिल हैं, ताकि इन्हें पहचानना आसान हो और यात्री इनसे सहायता ले सकें।

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