कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के भूमि आवंटन मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। यह फैसला कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी को सही ठहराने के ठीक एक दिन बाद आया। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने इस मामले में 24 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
यह मामला सिद्धारमैया की पत्नी बी. एम. पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में जमीन आवंटन से जुड़ा है। आरोप है कि एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात में भूखंड आवंटित किए, जिसमें अनियमितताएं बरती गईं। आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को जांच का आदेश दिया है।