अल्मोड़ा: एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जानकारी दी कि अगस्त 2024 में एक पीड़ित द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है। पीड़ित को अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर कॉल और मैसेज प्राप्त हुए थे, जिसमें खुद को HDFC सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताते हुए उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ने और HDFC VIP एप्लिकेशन डाउनलोड कर निवेश करने के लिए कहा गया था। इस एप्लिकेशन के जरिए पीड़ित से लगभग 1 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी की गई।
ठगों ने नए आईपीओ में अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ित को 8 करोड़ रुपये की धनराशि डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की, जिससे वह ठगी का शिकार हो गया। एसएसपी एसटीएफ ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी साइबर क्राइम कुमाऊं परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक श्री अरुण कुमार को सौंपी। जांच के दौरान, साइबर पुलिस ने विभिन्न बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि ठगी की गई राशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था। इनमें से 48.5 लाख रुपये ‘सेंगर टेलीकॉम’ नामक फर्म के खाते में स्थानांतरित किए गए थे।
साइबर पुलिस की अथक मेहनत और तकनीकी संसाधनों के उपयोग से मुख्य आरोपी 24 वर्षीय अभिनव राज सिंह सेंगर और 26 वर्षीय मुकेश यादव को कानपुर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों से दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए गए हैं।
अभियुक्तों ने व्हाट्सएप कॉल/मैसेज के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश और आईपीओ ट्रेडिंग की जानकारी देकर पीड़ित को फर्जी HDFC VIP एप्लिकेशन के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी की थी। उन्होंने ठगी से प्राप्त धनराशि को अपनी फर्म के बैंक खातों में स्थानांतरित कर अन्यत्र भेज दिया।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे साइबर अपराध के लिए अपने सिम कार्ड और फर्म के खाते का उपयोग कर रहे थे। फर्म के बैंक खाते में करोड़ों रुपये का लेन-देन पाया गया है, और इन खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं।
एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लालच में न आएं और साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।