भारतीयों की एक सबसे बुरी आदत है वह खुद से अपनी बीमारी का इलाज करने लगते हैं। अगर आपको भी ऐसी ऐसी लत है कि तबीयत खराब होने के बाद आप भी खुद से ही दवा खाने लगते हैं. तो यह खबर आपके लिए है. सबसे पहले तो अपनी यह आदत सुधार लें. क्योंकि हम इसे नॉर्मल बात समझकर कोई सा भी दवा खा लेते हैं लेकिन शरीर पर इसके गंभीर रूप से साइड इफेक्ट्स दिखते हैं।
खुद से मेडिकेशन जानलेवा हो सकता है
जब तक आपको गलती का एहसास होता है तब तक बात काफी ज्यादा बिगड़ जाती है. कई बार ऐसा होता है कि पुरुष के मुकाबले महिलाओं की स्थिति तो और भी ज्यादा खतरनाक है. महिलाएं शर्म से खुद से ही कोई सा भी दवा ले लेती है. ऐसी गलती बिल्कुल भी न करें.
कुछ तो ऐसे भी है जो खुद से सप्लीमेंट्स और मल्टीविटामिन ले लेते हैं. ऐसा अगर आप या घर, परिवार में कोई करता है तो तुरंत मना कर दें. कोई भी दवा, सप्लीमेंट्स लेने से पहले पहले टेस्ट करवाएं. टेस्ट भी डॉक्टर से दिखाने के बाद ही करवाएं. खुद से कोई भी मेडिकेशन शुरू न करें।
सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान क्या है?
सेल्श मेडिकेशन का साफ अर्थ है कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए खुद से दवा खा लेना. लोग सेल्फ मेडिकेशन करते हैं इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स शरीर पर दिखाई देते हैं. सेल्फ मेडिकेशन के कारण उल्टी, चक्कर आना, सिर दर्द, मोटापा, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ता है. इसलिए अपनी फैमिली या दोस्त, रिश्तेदार को सेल्फ मेडिकेशन से बचाएं, बिना डॉक्टर से जानें खुद से दवा न खाएं. क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
दवा के पैकेट के ऊपर उसकी एमजी भी लिखी होती है. डॉक्टर जब मरीज का इलाज करते हैं तब मरीज की उम्र के हिसाब से एमजी देते हैं. अगर आपने छोटे बच्चों को ओवर डोज दे दिय़ा तो उनके लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है. इससे उनकी तबीयत भी बिगड़ सकती है. अगर आप हल्के बुखार में हाई डोज लेते हैं तो इससे आपको बैचेनी और घबराहट या बैचेनी हो सकती है. इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं. कई लोग तो मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी में भी खुद से दवा खाने लगते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे कई सारे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।