योजना का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों की प्रतिभाओं को आगे लाना-सीएम
241 विद्यार्थियों को प्रदान की गई 33 लाख 51 हजार रूपये की धनराशि
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के प्रथम चरण में 241 विद्यार्थियों के खाते में डी०बी०टी० के माध्यम से 33 लाख 51 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की। राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं को यह धनराशि प्रदान की गई। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले इन छात्र-छात्राओं को 12वीं के परीक्षाफल में न्यूनतम 80 प्रतिशत प्राप्तांक और महाविद्यालय स्तर पर तैयार संकायवार मेरिट लिस्ट अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को क्रमशः 3 हजार, 2 हजार एवं 1500 रूपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
अन्य कक्षाओं हेतु छात्रवृत्ति वितरण संबंधित संस्थान स्तर से समर्थ पोर्टल पर वेरिफिकेशन के उपरान्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से जुड़े विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित होने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को आगे लाना है। गरीब परिवारों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा में किसी प्रकार की रूकावट न हो, इसके लिए राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा परिश्रम और एक धैर्य बनाकर जीवन में आगे बढ़ें। हमें अपने जीवन में कौन सा क्षेत्र चुनना है, कॉलेज स्तर पर आने के बाद ही इसके लिए दिशा मिलती है। जीवन में जब हम किसी लक्ष्य को लेकर पूरे मनोयोग से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जिस समय जो कार्य करें, उसको पूरी एकाग्रता से करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतिहास बनाया है, उनमें से अधिकांश का प्रारंभिक जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। दुनिया का भारत के प्रति सम्मान और विश्वास बढ़ा है। भारत की आर्थिकी तेजी से बढ़ रही है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उनके ये शब्द हमें राज्य के विकास के लिए प्रेरणा देते हैं। हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने और देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत टॉपर बच्चों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के तहत अनेक सराहनीय कार्य हुए हैं। इस छात्रवृत्ति योजना के शुरू होने से उच्च शिक्षा के लिए बच्चों में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी ही, साथ ही विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी वृद्धि होगी। इस योजना में राज्य के शासकीय महाविद्यालयों/राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में नियमित पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लाभार्थी होगे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सवा चार सौ असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। 01 लाख 27 हजार बच्चों को उच्च शिक्षा के तहत टेबलेट प्रदान किये गये। उच्च शिक्षा में प्रचार्यों की व्यवस्था के लिए 75 प्रतिशत प्रमोशन से और 25 प्रतिशत सीधी भर्ती की प्रक्रिया की व्यवस्था लोक सेवा आयोग से की गई है। राज्य के सभी विकासखण्ड में डिग्री कॉलेज खोले गये हैं। 25 डिग्री कॉलेजों को मॉडल डिग्री कॉलेज बनाकर, छात्राओं के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी की गई है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. चन्द्र दत्त सूठा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।