जुलाई में 11 फीसदी महंगी हो गई शाकाहारी थाली, मांसाहारी थाली की लागत में आई गिरावट

नई दिल्ली। क्रिसिल एमआईएंडए ने रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि जुलाई 2024 में माह-दर-माह आधार पर घर में पकाए गए शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में क्रमशः 11 फीसदी और 6 फीसदी की वृद्धि हुई है.

क्रिसिल के मुताबिक, शाकाहारी थाली की लागत में 11 फीसदी की वृद्धि में से 7 फीसदी केवल टमाटर की कीमतों के कारण है, जो जून में 42 रुपये प्रति किलो से जुलाई में 55 फीसदी बढ़कर 66 रुपये प्रति किलो हो गई है. यह मुख्य रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में गर्मियों की फसल को प्रभावित करने वाले उच्च तापमान के कारण हुआ.

जुलाई में वेज थाली की कीमत जून के 29.4 रुपये से बढ़कर 32.6 रुपये हो गई और नॉन-वेज थाली की कीमत 58 रुपये से बढ़कर 61.4 रुपये हो गई.क्रिसिल के मुताबिक, प्याज और आलू की कीमतों में माह-दर-माह क्रमश: 20 फीसदी और 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जिससे वेज थाली की कीमत और बढ़ गई.

क्रिसिल के मुताबिक रबी के कम उत्पादन ने प्याज की कीमतों को प्रभावित किया, जबकि पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में लेट ब्लाइट संक्रमण ने आलू के उत्पादन को प्रभावित किया. हालांकि, नॉन-वेज थाली की कीमत वेज थाली की तुलना में धीमी गति से बढ़ी, क्योंकि कुल कीमत का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा ब्रॉयलर की कीमत स्थिर रहने का अनुमान है.

हालांकि, साल-दर-साल की तुलना में, जुलाई में किसी घर में पकाए गए खाने की वेज थाली की कीमत में 4 फीसदी की गिरावट आई, जबकि नॉनवेज थाली की कीमत में 9 फीसदी की कमी आई.

पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार पर टमाटर की कीमतों में 40 फीसदी की गिरावट के कारण शाकाहारी थाली की लागत में कमी आई है.

क्रिसिल ने कहा कि जुलाई 2023 में कीमतें 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं, जो उत्तरी राज्यों से आपूर्ति को प्रभावित करने वाली बाढ़ से प्रभावित थी, जबकि कीटों के संक्रमण ने कर्नाटक से उत्पादन को प्रभावित किया था.

क्रिसिल की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि प्याज और आलू की कीमतों में साल-दर-साल 65 फीसदी और 55 फीसदी की वृद्धि ने कम आवक के बीच थाली की लागत में और गिरावट को रोक दिया.

गैर-शाकाहारी थाली के लिए, लागत में कमी वित्त वर्ष 2024 के उच्च आधार पर ब्रॉयलर की कीमतों में अनुमानित 11 फीसदी की साल-दर-साल गिरावट के कारण हुई.

घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की कैलकुलेशन उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मासिक परिवर्तन आम आदमी के खर्च पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है.

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, डेटा से यह भी पता चलता है कि थाली की लागत में बदलाव लाने वाली सामग्री (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल, रसोई गैस) हैं.

शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होते हैं. नॉन-वेज थाली के लिए, घटक वही रहते हैं, लेकिन दाल की जगह चिकन ले लेता है.

गौरतलब है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा मापी गई भारत की रीटेल इन्फ्लेशन दर जून 2024 में 5.08 फीसदी थी, जो मई 2024 में 4.75 फीसदी थी. RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने जून की मौद्रिक नीति में रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा.

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