मुंबई। विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से बड़ा झटका लगा है। बुधवार को UPSC ने उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द करने की घोषणा की और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
पूजा खेडकर का चयन 2022 में UPSC परीक्षा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए हुआ था। लेकिन उनकी उम्मीदवारी को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब UPSC को उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं। जांच के बाद UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने अपने दस्तावेजों में तथ्यों को छिपाने और गलत जानकारी प्रस्तुत करने का प्रयास किया था।
UPSC का बयान
UPSC ने अपने बयान में कहा, “पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को दस्तावेज़ी सत्यापन के दौरान गड़बड़ी पाए जाने के कारण रद्द कर दिया गया है। आयोग ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें भविष्य की सभी UPSC परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया है।”
दस्तावेजों में गड़बड़ी
UPSC की जांच में पाया गया कि पूजा खेडकर ने अपने आवेदन में शैक्षणिक योग्यता और अन्य संबंधित दस्तावेजों में गलत जानकारी दी थी। जांच के दौरान आयोग ने यह भी पाया कि उन्होंने चयन प्रक्रिया के दौरान कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया था।
पूजा खेडकर की प्रतिक्रिया
पूजा खेडकर ने UPSC के इस फैसले पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा, “मैं आयोग के इस फैसले से हैरान हूं और इसका पुनर्विचार करने के लिए अपील करूंगी। मैंने सभी दस्तावेज सही तरीके से प्रस्तुत किए थे और मेरे खिलाफ उठाए गए कदम अनुचित हैं।”
विवाद का असर
इस मामले के उजागर होने के बाद UPSC की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाएगा।
अन्य उम्मीदवारों के लिए सबक
पूजा खेडकर के मामले ने अन्य उम्मीदवारों को चेतावनी दी है कि वे अपनी आवेदन प्रक्रिया में पूरी ईमानदारी बरतें। दस्तावेजों में गड़बड़ी का कोई भी प्रयास उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करवा सकता है।
पूजा खेडकर का चयन रद्द होने और भविष्य की परीक्षाओं से स्थायी प्रतिबंध का यह मामला UPSC के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। यह स्पष्ट करता है कि आयोग अपने मानकों से कोई समझौता नहीं करेगा और उम्मीदवारों से पूर्ण पारदर्शिता और ईमानदारी की अपेक्षा करता है।
यह घटना न केवल प्रशासनिक सेवाओं के उम्मीदवारों के लिए बल्कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागियों के लिए भी एक सबक है कि किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या गड़बड़ी का प्रयास करियर को बर्बाद कर सकता है।