हेमंत सोरेन को राहत, जमानत को चुनौती देने वाली ED की याचिका SC ने की खारिज

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को बरकरार रखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ED की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख को दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। ED ने यह तर्क दिया था कि अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, तो वे इसी तरह का अपराध फिर कर सकते हैं। सोरेन के वकील ने उनकी जमानत के लिए जोरदार तर्क दिया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें केंद्रीय एजेंसी द्वारा एक आपराधिक मामले में झूठा फंसाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को ‘तर्कपूर्ण’ बताते हुए ED की याचिका खारिज कर दी।

हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति रोंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने जमानत देते हुए कहा था कि अदालत के निष्कर्ष इस शर्त को पूरा करते हैं कि ‘यह मानने के कारण मौजूद हैं’ कि सोरेन PMLA अपराध के ‘दोषी नहीं’ हैं, जिनका उन पर आरोप लगाया गया है। पीठ ने यह भी कहा था कि ED का दावा कि ‘उसकी समय पर की गई कार्रवाई ने रिकॉर्ड में जालसाजी और हेरफेर करके भूमि के अवैध अधिग्रहण को रोका है, एक अस्पष्ट बयान मालूम होता है।’

क्या है मामला?
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने मामले में ED द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद वह 4 जुलाई को फिर से मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। हाईकोर्ट में सोरेन की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ED ने आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्य की राजधानी रांची के बार्गेन क्षेत्र में 8.86 एकड़ जमीन ‘गैरकानूनी’ तरीके से हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग किया। वहीं, सोरेन के वकील ने दलील दी थी कि केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें आपराधिक मामले में गलत तरीके से फंसाया है।

ईडी ने दावा किया था कि जांच के दौरान सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने स्वीकार किया था कि झामुमो नेता ने उन्हें भूखंड के स्वामित्व विवरण को बदलने के लिए आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर करने का निर्देश दिया था। एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि जमीन के मूल मालिक राज कुमार पाहन ने अपनी जमीन हड़पे जाने की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन उस पर कभी कार्रवाई नहीं की गई। सोरेन को ED ने कई बार तलब किया गया, जिसके बाद उनसे उनके आवास पर पूछताछ की गई और फिर 31 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

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