युवाओं को टाटा ग्रुप के विभिन्न स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षण मिलेगा
मुख्य सचिव ने टाटा ट्रस्ट के समक्ष उत्तराखण्ड सरकार की प्राथमिकताओं को रखा
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में गैप फीलिंग का कार्य करेगा टाटा ट्रस्ट
उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद का हेल्थ एनालिसिस
टाटा ट्रस्ट द्वारा टेलीमेडिसिन पर सहमति पर सबसे पहले पर्वतीय जनपदों व ब्लॉक को चिन्हित करने के निर्देश
राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की होगी कम्प्रहेंसिव स्टडी ( Comprehensive Study )
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर टाटा ट्रस्ट राज्य में हेल्थ केयर सेक्टर, टेलीमेडिसिन, महिलाओं व बच्चों के कुपोषण से बचाव, युवाओं के कौशल विकास, बालिकाओं की शिक्षा, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, आंगनबाड़ी वर्कर्स के क्षमता विकास व प्रशिक्षण, स्मार्ट कलासेज, ग्रामीण आजीविका, पलायन, वाइब्रेंट विलेज, मानसिक स्वास्थ्य व नशा मुक्ति जैसे क्षेत्रों में कार्य करेगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट के समक्ष उत्तराखण्ड सरकार की प्राथमिकताएं एवं थ्रस्ट एरिया को फोकस करते हुए राज्य में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर तथा उत्तराखण्ड के युवाओं हेतु राज्य की आवश्यकताओं एवं परिस्थिति के अनुसार मुम्बई सहित देश के विभिन्न स्थानों में टाटा ग्रुप के स्किल डेवलपमेंट इन्सटिटयूट में कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
सीएस श्रीमती रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की विभिन्न क्षेत्रों हेतु योजनाओं की समीक्षा कर गैप एनालाइसिस (Gap Analysis ) किया जाए ताकि टाटा ट्रस्ट द्वारा इस गैप फीलिंग ( Gap Feeling ) के लिए कार्य किया जा सके। उन्होंने टाटा ट्रस्ट द्वारा टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में कार्य किए जाने हेतु सहमति पर निर्देश दिए कि इसके लिए सबसे पहले पर्वतीय जनपदों व ब्लॉक को चिहिन्त किया जाए। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद के हेल्थ एनालिसिस (Health Analysis ) की बात कही गई जिसके तहत प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं, बुनियादी चिकित्सा ढांचे, स्टाफ, प्रशिक्षण आदि की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मैंकेंजी के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की Comprehensive Study के भी निर्देश दिए गए। टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य में हेल्थ रिकॉर्ड की डिजिटाइजेशन में सहयोग पर सहमति दी गई।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट से राज्य के दूरस्थ स्थानों में रह रही आबादी को आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाकर प्राइमरी व सेकेण्डरी हेल्थ केयर सेवाओं की मजबूती के लिए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने महिलाओं व बच्चों को कुपोषण व एनीमिया से बचाने के लिए, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा को मजबूत कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, उच्च शिक्षा के बाद महिलाओं की कार्यबल में हिस्सेदारी बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर सीमान्त गांवों से पलायन रोकने हेतु ग्रामीण आजीविका की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि टाटा ट्रस्ट से कौन-कौन से क्षेत्रों में सहायता ली जा सकती हैं, इसकी रिपोर्ट अगली बैठक तक तैयार रखी जाय।
बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य के 13 जिलों की कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 13 टॉपर बालिकाओं को आर्थिक अनुदान की कार्ययोजना की बात कही गई। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एसडीजी इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है | इस स्थिति को बनाए रखने के लिए, राज्य सरकार का लक्ष्य सभी हितधारकों के साथ सहयोग करना है, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं टाटा ट्रस्ट की टीम मौजूद रही।