नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार (8 जुलाई) को मणिपुर का दौरा किया. कांग्रेस नेता ने दोपहर 3 बजे के करीब मणिपुर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की. यात्रा के दौरान उन्होंने चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप का भी दौरा किया और वहां रूककर जीवन गुजार रहे लोगों से बातचीत की. मणिपुर पहुंचने के बाद शाम के समय में राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा- मैं प्रधानमंत्री मोदी से रिक्वेस्ट करना चाहता हूं, कि वो मणिपुर आएं.
राहुल गांधी ने कहा, मैं तीसरी बार मणिपुर आया हूं…मैंने सोचा था कि ग्राउंड पर काफी सुधार होगा, लेकिन मुझे यह देखकर निराशा हुई कि स्थिति अभी भी वैसी है जैसी पहले थी. उन्होंने कहा मैंने शिविरों का दौरा किया और वहां लोगों से उनका दर्द सुना. मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि मणिपुर को जरूरत है कि पीएम यहां आए और यहां जो हो रहा है उसे समझे और जनता की आवाज सुनें. यहां के लोग और पूरा देश चाहता है कि वह यहां आए.
कांग्रेस नेता ने कहा यहां हुई हिंसा ने लोगों को तबाह कर दिया है. मैंने ऐसा कभी भारत में कहीं और नहीं देखा जो मणिपुर में हो रहा है. राहुल गांधी ने कहा- मैं मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं आपका भाई हूं और शांति बहाली के लिए पूरी कोशिश करूंगा. मैंने राज्यपाल से बात की है, यहां के लोगों को जब भी मेरी और कांग्रेस की जरूरत होगी, हम आपकी मदद करेंगे.
राहुल गांधी ने आगे कहा, मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि नफरत और हिंसा से समाधान नहीं होने वाला है. मोहब्बत से और भाई चारे से बात बन सकती है. राज्यपाल से हमने कहा कि जो हम से जो हो सकता है, मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग चाहते हैं कि पीएम मोदी यहां आएं और जनता की आवाज सुनें. अगर प्रधानमंत्री यहां आते हैं तो मणिपुर के लोगों को बहुत फायदा होगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल गांधी ने मणिपुर के राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. लगभग 45 मिनट लंबी इस मुलाकात का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं हुआ है. राज्य के कई स्थानों पर राहत शिविरों का दौरा करने और वहां रह रहे जातीय हिंसा के पीड़ितों से बातचीत करने के बाद कांग्रेस नेता ने शाम को राजभवन में उइके से मुलाकात की.