हेमंत सोरेन फिर बनेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री, चंपई सोरेन ने सीएम पद से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन एक बार फिर से राज्य के सीएम बनने जा रहे हैं. बुधवार को पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना है.

इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रांची स्थित राजभवन पहुंचे .जहां उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा. चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में दो फरवरी को शपथ ली थी.

झारखंड में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं. सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया.

सूत्रो के मुताबिक बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे. झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं. झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था.

लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं. झामुमो के दो विधायक- नलिन सोरेन और जोबा माझी, अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था.

झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं.

भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है. हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं.

उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था. उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं.

 

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