नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार (7 मई) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली शराब नीति मामले के एक आरोपी के खर्च पर गोवा के एक 7 स्टार होटल में रुके थे. ईडी ने कहा कि केजरीवाल ने जांच एजेंसी के सामने एक भी ऐसा बयान नहीं दिया है कि उन्हें दोषमुक्त किया जाए.
राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का बचाव करते हुए और उनकी जमानत का विरोध करते हुए दावा किया कि केजरीवाल गोवा के ग्रैंड हयात होटल में रुके थे, जिसके बिल का भुगतान दिल्ली शराब नीति मामले के आरोपियों में से एक, चैरियट एंटरप्राइजेज ने किया था. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, वकील ने दावा किया कि फर्म ने अवैध नकदी स्वीकार की थी, जिसे कथित तौर पर आप के गोवा अभियान में लगा दिया गया था.
एएसजी राजू ने कहा, ‘हमारे पास गोवा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल के होटल खर्च के सबूत हैं. यह गोवा में 7 स्टार ग्रैंड हयात होटल था. बिल का भुगतान चेरियट एंटरप्राइजेज की तरफ से किया गया था और हमारे पास इस आशय के दस्तावेजी सबूत हैं.’
100 करोड़ रुपये की रिश्वत की बात
एजेंसी ने दावा किया कि उसके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि अरविंद केजरीवाल ने व्यवसायियों के हितों के अनुकूल शराब नीति बनाने के लिए उनसे 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. वकील ने कहा, शुरुआत में एजेंसी का ध्यान अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर नहीं था. इसमें दावा किया गया कि जांच आगे बढ़ने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की भूमिका स्पष्ट हो गई.
इससे पहले, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल के वकील की इस दलील पर प्रवर्तन निदेशालय से सवाल किया कि वह जांच का मुख्य फोकस नहीं थे और रिश्वत का सवाल बाद में आया.