एसडीसी फाउंडेशन ने सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित किये
इस बार प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक यानी ग्रह बनाम प्लास्टिक है पृथ्वी दिवस की थीम
देहरादून। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने सोमवार को विभिन्न संस्थाओं के साथ दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर विश्व पृथ्वी दिवस मनाया। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस की थीम ‘प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक’ यानी ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ है। एसडीसी फाउंडेशन के कार्यक्रम भी इस थीम के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट पर आधारित थे। जिन संस्थाओं में ये कार्यक्रम आयोजित किये गये, उनमें अनेक विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थाएं आदि शामिल हैं।
पृथ्वी दिवस के मौके पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को प्लास्टिक वेस्ट को लेकर जागरूक किया गया। स्कूली बच्चे अपने साथ प्लास्टिक वेस्ट भी एकत्रित करके लाये थे, जिसे जमा करके एसडीसी फाउंडेशन के कलेक्शन सेंटर पर भेजा गया। जहां इसे अलग करके रिसाइकिल के लिए भेजा जाएगा। स्कूली बच्चों को बताया गया कि प्लास्टिक के कारण धरती गंभीर खतरे में हैं। इसलिए जरूरी है कि प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल किया जाए। स्कूली बच्चों ने इन कार्यक्रमों को काफी रुचि ली और प्लास्टिक वेस्ट को लेकर अपने परिवारों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने बताया कि जिन संस्थानों में पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किये गये, उनमें मुख्य रूप से देहरादून छावनी परिषद के स्कूल, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भारतीय वन्य जीव संस्थान, ओएसिस स्कूल, श्री गुरु राम राय स्कूल पटेल नगर, भवानी बालिका स्कूल, अम्बावती दून वैली इंटर कॉलेज, बहुगुणा इंटर कॉलेज सेवला कलां आदि शामिल थे। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी इन कार्यक्रमों के आयोजन में सहयोग दिया। 20 से अधिक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित किये गए।
अनूप नौटियाल के अनुसार स्कूली बच्चों को प्लास्टिक के खतरे के प्रति जागरूक करने और प्लास्टिक नियंत्रण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को एसडीसी फाउंडेशन की ओर से पुरस्कृत भी किया गया।। उन्होंने इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए सभी शिक्षण और अन्य संस्थानों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रमों में जिस तरह से प्रतिभागियों से रुचि ली, वह हम सब के लिए एक बेहद अच्छा अनुभव रहा।
अनूप नौटियाल ने इन कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ाने की बात कही और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में देहरादून सिंगल प्लास्टिक वेस्ट पर नियंत्रण करने वाले शहरों में शामिल होगा। उन्होंने बताया कि एसडीसी फाउंडेशन की ओर से देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में प्लास्टिक को लेकर कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। एयर क्राफ्ट बनाने वाली दुनिया की अग्रणी कंपनी एयरबस और एसडीसी फाउंडेशन के बीच हुए समझौते के तहत देहरादून में 100 से ज्यादा प्लास्टिक बैंकों की स्थापना कर दी गई है। आने वाले समय में 200 और प्लास्टिक बैंक स्थापित किये जा रहे हैं।
एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश चन्द्र, प्यारेलाल, प्रवीण उप्रेती, देविका, अभिषेक भट्ट, बिट्टू और सुभाष कुमार ने संस्था की तरफ से रूपरेखा तैयार कर समस्त संस्थानों पर कार्यक्रमों का संचालन किया गया।