देहरादून। उत्तराखंड में जंगल पिछले कुछ दिनों से लगातार धधक रहे हैं, जिससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। कर्णप्रयाग में गौचर के सामने सारी गांव के जंगलो में शनिवार देर रात से आग लगी है। आग के चलते कई हेक्टेयर जंगल जंल कर राख हो गए। वहीं, शनिवार को जंगल में आग की 22 घटनाएं सामने आई थे। इसे मिलाकर वनाग्नि की घटनाएं अब बढ़कर 373 हो गई हैं। आग से पहाड़ धुआं-धुंआ हो रहे हैं। राज्य में गर्मी तेज होने के साथ ही जंगल की आग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को वनाग्नि की 10 घटनाएं हुईं, जो शनिवार को बढ़कर 22 हो गई। गढ़वाल में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में जंगल की आग का एक, नंंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में एक, राजाजी टाइगर रिजर्व में एक, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में एक और लैंसडाउन वन प्रभाग में दो मामले सामने आए हैं।
जबकि, रामनगर वन प्रभाग में एक, तराई पूर्वी वन प्रभाग में नौ, हल्द्वानी वन प्रभाग में चार और बागेश्वर वन प्रभाग के आरक्षित क्षेत्र में जंगल की आग का एक मामला सामने आया है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कुछ जगहों पर आग काबू में नहीं आ पा रही है। वन विभाग के कर्मचारी स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर परंपरागत तरीके से आग पर काबू में प्रयास में जुटे हैं। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एक नवंबर 2023 से अब तक जंगल में आग की 373 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 436 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।