पंजाब यूनिवर्सिटी ने छात्राओं को दी बड़ी सौगात, Periods के दौरान छुट्टी देने वाले प्रस्ताव को दी मंजूरी

नई दिल्ली। पीरियड्स के दौरान छात्राओं/महिलाओं को छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं इस मुद्दे पर काफी समय से बहस चला रही है। कोई इसके पक्ष में बोलता है, तो कोई विरोध में। हालांकि पंजाबवासियों ने पक्ष में बोलते हुए मुद्दे से जुड़ा फैसला लिया है। दरअसल, पंजाब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने लड़कियों को पीरियड्स के दौरान लीव देने वाले प्रस्ताव पर ‘हां’ की मुहर लगा दी है। यह नोटिफिकेशन पी.यू. प्रबंधन की ओर से चेयरपर्सन, डायरैक्टर और कोआर्डीनेटरस ऑफ डिर्पाटमेंटल इंस्टीच्यूट सेंटर एंड रूरल सेंटर को भेज दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, यह लीव सैशन 2024-25 से दिया जाएगा, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी में एक सिमैस्टर में छात्राओं को 4 मासिक धर्म अवकाश मिलेंगे। इसका मतलब ये हुआ कि लड़कियां एक साल के सैशन यानि दो सिमैस्टर में पीरियड्स के दौरान कुल 8 लीव ले सकेंगी।
स्टूडेंट काऊंसिल के सचिव दीपक गोयत ने बताया कि पी.यू. प्रबंधन ने प्रस्ताव को पास कर दिया है, इससे लड़कियों को काफी फायदा मिलेगा। लड़कियां एक साल के सैशन यानि दो सिमैस्टर में कुल 8 लीव ले सकेंगी…लेकिन इन छुट्टियों को लेने के लिए क्राइटेरिया तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह लीव उसी को मिलेंगी, जिसकी अटेंडेंस 75 फीसदी से ज्यादा होगी। उन्होंने आगे कहा कि स्टूडेंट की 75 फीसदी से कम अंटैंडैस होने पर 10 फीसदी अटेंडेंस देने का आधिकार पी.यू. प्रबंधन के पास होता है. इसीलिए लड़कियों को पीरियड्स लीव दी जाएगी या नहीं ये उसकी अटेंडेंस पर निरभर करता है।

जारी की गई नोटिफिकेशन के मुताबिक, एग्जाम के दिनों में ये लीव नहीं मिलेगी…फिर चाहे वह इंटरनल हो या फिर एक्सटरनल एग्जाम। इसके अलावा प्रैक्टिकल परीक्षाओं के दौरान भी ये लीव नहीं मिलेगी। यह लीव कॉलेज के चेयरपर्सन व डायरैक्टर की ओर से दी जाएंगी। छात्राओं को लीव लेने के लिए सैल्फ सर्टीफिकेशन देना होगा और फिर लीव लेने के बाद पांच वर्किंग दिनों में फार्म भरकर देना होगा। जिस दिन स्टूडेंट लीव पर होंगी, सिर्फ उस दिन के लैक्चर को स्टूडेंट को अटैंड किए गए, लैक्चर में माह के आखिर में जोड़ा जाएगा।

बता दें काऊंसिल स्टूडेंट काऊंसिल के अध्यक्ष जतिंदर सिंह और संयुक्त सचिव ने पीरियड्स के दौरान प्रति सिमेस्टर 12 छुट्टियां लागू करने का मुद्दा उठाया था, जिस पर कई बार बैठक हुई। इन बैठकों में कुछ प्रोफैसर, काऊंसिल की महिला उपाध्यक्ष व सचिव विरोध में दिखे थे।वहीं, कई महिला प्रोफैसरों ने लीव की जरूरत पर असहमति दिखाई थी, तो कुछ ने फैसले का स्पोर्ट भी किया था…और अब आखिरकार पी.यू. प्रबंधन ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।

 

 

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