सरकार की एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर रोक, 12वीं के बाद शिक्षक नहीं बन पाएंगे !
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के चार वर्षीय नए पाठ्यक्रमों की एनओसी पर सरकार ने रोक लगा दी है। इसके कारण यहां के कॉलेजों को इन नए पाठ्यक्रमों की मान्यता नहीं मिल सकेगी और उत्तराखंड के नौजवान 12वीं के बाद शिक्षक नहीं बन पाएंगे।
प्रदेश सरकार ने छह साल पहले बीएड के नए कॉलेजों की एनओसी पर रोक लगाई थी। इसके बाद डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन के संचालन पर भी कॉलेजों में सरकार ने रोक लगाते हुए केवल डायट में यह पाठ्यक्रम शुरू किए थे।
अब इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) के नये पाठ्यक्रमों की एनओसी पर भी रोक लगा दी है। इसका कारण बीएड डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं की भारी संख्या को बताते हुए सरकार ने तर्क दिया है कि बेरोजगार बीएड डिग्रीधारकों की संख्या बढ़ने के बाद वे आंदोलन करते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था भी खराब होती है।
अशोक कुमार, सचिव, उच्च शिक्षा कहते है कि प्रदेश में बीएड डिग्रीधारक बेरोजगारों की बड़ी संख्या है। इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं अब काफी कम हैं। लिहाजा, इस बढ़ती छात्र संख्या पर लगाम लगाने के लिए एनओसी रोकी जानी जरूरी है।
डॉ. उदय सिंह रावत, कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि ने बताया किएनसीटीई के इंटीग्रेटिड पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए शासनस्तर से एनओसी दी जाती है। शासन ने फिलहाल अग्रिम आदेशों तक इसकी एनओसी देने पर रोक लगाई हुई है। इसकी सूचना विवि को भी भेज दी गई है।
बता दें कि एनसीटीई ने हाल ही में चार वर्षीय इंटीग्रेटिड आईटीईपी लांच किए जिसमें 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता रखी गई। इनमें एक कोर्स प्राथमिक और दूसरा कोर्स माध्यमिक में शिक्षण के लिए होगा।