भारत-नेपाल की सीमा पर व्यापारी कर रहे बॉर्डर खोलने की मांग
7 महीने से सील इंडो-नेपाल बॉर्डर की वजह से अब रोज़ी-रोटी पर असर पड़ने लगा है
चंपावत। कोरोनाकाल में लॉकडाउन की वजह से 7 महीने से इंडो-नेपाल सीमाएं सील हैं जिसका असर अब दोनों देशों के कारोबारियों पर दिखने लगा है। बाज़ारों में सन्नाटा पसरा है और व्यापारियों के सामने सर्वाइवल का संकट खड़ा हो गया है। यही वजह है अब व्यापारी सरकार से सशर्त छूट देने की मांग कर रहे हैं।
बढ़ते कोरोना मामलों के बाद भारत-नेपाल दोनों देशों ने बॉर्डर सील कर दिया था। उसके बाद सीमा पर बढ़े तनाव की वजह बॉर्डर सील ही हैं।
बॉर्डर सील होने का सीधा असर सीमा से लगे भारत के छोटे शहर टनकपुर, बनबसा, मेलाघाट और नेपाल के ब्रह्मदेव, गड्ढा चौकी, महेंद्र नगर, धनगढ़ी के व्यापारियों पर पड़ा है। दरअसल दोनों ही देश के ये शहर सीमापार व्यापार पर निर्भर करते हैं।
बॉर्डर बन्द होने की वजह से व्यापार चौपट हो गया तो 7 महीने से परेशान व्यापारी बॉर्डर खोलने की मांग कर रहे हैं।
परेशान व्यापारियों का कहना देश हित में सरकार अगर इंडो-नेपाल बॉर्डर लोगों के लिए नहीं खोलना चाहती तो नेपाल के व्यापारियों के पास फंसे उनके पैसे वापस लाने में मदद करे ताकि उनके परिवार को संकट का सामना न करना पड़े।