उत्तराखंड सरकार करवाए बॉर्डर पर कोविड-19 टेस्ट… ‘सब नहीं अफोर्ड कर सकते अनिवार्य कोरोना टेस्ट की फ़ीस’
अगर चार लोग अपने काम से राज्य में आना चाहते हैं तो 2000 के हिसाब से भी कोविड टेस्ट की फीस काफ़ी ज़्यादा है।
देहरादून। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद सरकार ने बॉर्डर चेक पोस्ट पर ही कोरोना टेस्ट करवाने का फ़ैसला किया है लेकिन शनिवार और रविवार को बॉर्डर पर टेस्टिंग शुरु नहीं हो पाई। इस बीच ज़िला प्रशासन ने साफ़ कर दिया था कि जिस भी व्यक्ति का बॉर्डर पर कोविड-19 टेस्ट होगा उसे टेस्ट फीस खुद देनी होगी। इसे लेकर लोगों में नाराज़गी दिखी। लोगों का कहना था कि टेस्ट करवाने का फैसला तो सही है लेकिन यह टेस्ट सरकार को ही करवाने चाहिए, इसका बोझ लोगों पर नहीं डालना चाहिए।।। ज़रूरी नहीं है कि हर आदमी टेस्ट का पैसा दे सके।
‘फ़ीस काफ़ी ज़्यादा’
दिल्ली से 4 दिन के लिए देहरादून आए अमित राणा कहते है कि कोविड टेस्ट की फीस अब भी आम आदमी की पहुंच से दूर है। अगर चार लोग अपने काम से राज्य में आना चाहते हैं तो 2000 के हिसाब से भी कोविड टेस्ट की फीस काफ़ी ज़्यादा है। हर आदमी अपनी जेब में 5000 से 6000 रुपया लेकर चले यह संभव नहीं।
राजस्थान के रहने वाले वीरेंद्र को भी लगता है कि सरकार को कोविड टेस्ट शुल्क को लेकर एक बार फिर सोचना चाहिए। वह मानते हैं कि टेस्ट सरकार को निशुल्क करने चाहिए। बहरहाल रविवार को टेस्ट शुरू हो नहीं हो पाए थे जबकि आदेश जारी हुए 2 दिन हो चुके थे।
अब सोमवार से टेस्ट चेक पोस्ट पर होने की उम्मीद है लेकिन अभी अधिकारियों को भी इसके क्राइटीरिया को लेकर कोई जानकारी नहीं है। चेक पोस्ट पर पुलिस और प्रशासन की टीम मुस्तैद तो है मगर नई गाइडलाइन के मुताबिक कैसे कोरोना वायरस के टेस्ट ऑन द स्पॉट हो सकेंगे इसे लेकर सब कुछ साफ़ नहीं।